भारत की महिलाएं ध्यान दें l
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मौर्य वंश का अंतिम सम्राट राजा बृहद्रथ की हत्या के बाद और भारतीय संविधान बनने से पहले तक भारत में दोहरी अत्याचार के शिकार हम हो रहे थे आपके पूर्वज अंतहीन दर्द झेला लेकिन अपने पुर्वजों के प्रति अपने कृतज्ञता भी जाहिर नहीं की। वर्तमान में आपको जो भी हक़ मिले वो बलिदानी महापुरुषों की वजह से मिले हैं
और हक़ देने वाले सर्वप्रिय #विश्वरत्न_डॉ_अम्बेडकर हैं।
संविधान सभा में 299 सदस्यों में से हकों की सुरक्षा के लिए परेशान सिर्फ #बाबासाहेब थे
मौलिक हक़ बाबा साहेब की देन है
आज महिला पुरुषों के साथ समानांतर रूप से काम कर रही है #सिर्फ डॉ. अम्बेडकर जी की देन है
शिक्षा जगत में महिलाएँ आगे बढ़ रही हैं सिर्फ अम्बेडकर जी की देन है
नौकरियों में मेटरनिटी लिव डॉ. अम्बेडकर जी की देन है।
ऐसा मैनें इस लिए लिखा कि संविधान सभा के 298 सदस्य जो कि भारत के टॉप मोस्ट लीडर थे उन्होंने महिलाओं के हक़ की बात कभी उठायी ही नहीं अगर उठाया होता तो बाबा साहेब ने #हिन्दू_कोड_बिल जो सिर्फ महिलाओं के हक़ का बिल था 298 सदस्य विरोध नहीं करते इसी बिल के पास न होने की वजह से #डॉ_बाबासाहेब ने विधि मंत्री पद से इस्तीफा भी दिए थे
महिलाएं अपने फर्ज अदा करो, आपके हक़ दिलवाने में डॉ. अम्बेडकर अंतहीन दर्द झेले हैं उनको सच्ची श्रद्धा करो उनका इतिहास पढ़ कर फिर , तुम्हारा आत्मसम्मान लौटेगा, कोई तुम्हें प्रताड़ित करने की सोचेगा भी नहीं
दुर्गा,सरस्वती, लक्ष्मी, काली,छठी,आदि की पूजा तो वर्षों से कर रही हो लेकिन आज भी तुम्हारी इज्जत ताड़ ताड़ किया जा रहा सभी देवी आज भी पूजी जा रही कोई बचाने में सक्षम नहीं हो रहा
महिलाओं तुम संविधान को हथियार बनाओ फिर देखों तुम ही सबसे ताकतवर होगी आधी आवादी को कोई बुरी नजरों से देखने की हिम्मत नहीं करेगा और न ही तुम्हारे हक छीने जाएंगे।