सत्ता हमेशा से पूंजीपतियों की जेब मे रही है। चाहे BJP हो या कांग्रेस, छत्तीसगढ़ के बस्तर में बैलाडीला की पहाड़ियां जिन्हें आदिवासीजन देवताओं का पहाड़ कहते है। उस पहाड़ी के गर्भ में श्रेष्ठ गुणवत्ता वाले 1500 मिलियन टन लौह अयस्क होने का अनुमान है।और साथ ही यह पहाड़ी जैवविविधता के मामले में भी धनी है। इस पहाड़ी के खनन का जिम्मा अडानी ग्रुप को दिया गया है।अडानी ग्रुप में पहाड़ उजाड़ने का काम सैनिकों की मदद से शुरू कर दिया है। उस पहाड़ से आदिवासीयों की आस्था जुड़ी है, जो कई दिनों से वहाँ डटे है पर सरकार की मेहरबानी से पेड़ काटे जा रहे है, जलाये जा रहे है ।
आज हम बिगड़ते पर्यावरण के साथ जिस मौत के मुहाने की तरफ बढ़ रहे है। उससे बचने के लिए हमें आदिवासी संस्कृति की ओर जाना होगा प्रकृति की तरफ लौटना होगा, हमे विकास के नाम पर उजाड़ने वाली व्यवस्था को नेस्तनाबूद करना होगा ताकि हम इस धरती आबा को बचा सके ।
(बस्तर छ्त्तीसगढ़ में मोदी के प्रिय अडानी ने 2 हज़ार पेड़ काट कर जला दिये! अभी इस साल में 25 हज़ार पेड़ और काटने का इरादा है! 25 हज़ार आदिवासियों ने 4 दिन से पहाड़ घेरा हुआ है! आदिवासी वहीं पर खाना बना रहे हैं और वही खा रहे हैं, वही सो रहे हैं, घर नहीं जा रहे हैं! बड़ी संख्या में महिलाएं भी हैं, सोनी सोरी भी उनके साथ है! इधर मीडिया आपको बता रहा है कि भारत में गर्मी इसलिए है क्योंकि पाकिस्तान गर्म हवाएं भेज रहा है! मीडिया आपको नहीं बताएगा कि गर्मी इसलिए है क्योंकि पेड़ काटे जा रहे हैं!
गर्मी ऐसे ही बढ़ती जाएगी और पारा चढ़ता जायेगा और एक दिन हिंदू-मुसलमान सब मारे जाएंगे!