*पण्डित न तो कोई धर्म है न कोई जाति है बल्कि एक योजनाबद्ध तरीके से पढ़े लिखे बहुजन समाज को मूर्ख बनाने की व्यवस्था है। पढ़िये:-----* !!
1 जन्म से पहले पण्डित
2 जन्म के बाद पण्डित
1 शादी से पहले पण्डित
2 शादी वाले दिन पण्डित
1 गाड़ी लेने से पहले पण्डित
2 गाड़ी बेचने से पहले पण्डित
1 एग्जाम से पहले पण्डित
2 परिणाम से पहले पण्डित
3 परिणाम के बाद पंडित
1 घर की नीव पर पण्डित
2 घर बन जाने के बाद पण्डित
1 कोई हादसा होने पर पण्डित
2 ठीक होने के बाद फिर पण्डित
1 दवाई असर न करे तो पण्डित
2 ज्यादा कर जाए तो भी पण्डित
1 कोई काम न बना तो पण्डित
2 काम बनते ही फिर पण्डित
1 मृत्यु आने से पहले पण्डित
2 मृत्यु होने के बाद पण्डित
1 मृत्यु भोज से पहले पण्डित
2 मृत्यु भोज पर भी पण्डित
1 हवन करने पर पण्डित
2 दूसरे का बुरा करने पर पण्डित
इत्यादि और भी आप जोड़ लें।...........