आज हर वर्ग की महिलाएं डॉ. बाबा साहेब अंम्बेडकर को भुल गई जिन्होने संविधान में हिन्दू कोड बिल दाखिल कर महिलाओं को मान-सम्मान दिलाया आज यही महिलाएं डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर को भूल देवी-देवताओं को याद करती है.. !
डा. बाबा साहब अम्बेडकर द्वारा संविधान में महिलाओं के लिए किये गए विशेष अधिकार उपलब्ध है।
1. बहुपत्नी की परम्परा को खत्म कर नारियों को अद्भुत सम्मान दिया l
2. प्रथम वैध पत्नी के रहते दूसरी शादी को अमान्य किया l
3. बेटे की तरह बेटी को भी पिता की सम्पति में अधिकार का प्रावधान किया l
4. गोद लेने का अधिकार दिया l
5. तलाक लेने का अधिकार दिया l
6. बेटी को वारिश बनने का अधिकार दिया l
8. समान काम के लिए पुरुषो सा समान वेतन पाने का अधिकार दिया l
9. स्त्री की क्षमता के अनुसार ही काम लेने का प्रावधान किया l
10. भूमिगत कोल खदानों में महिलाओं के काम करने पर रोक लगाया l
12. लिंग भेद को खत्म किया l
13. बाल विवाह पर रोक लगाया l
14. रखनी प्रथा, वेश्यावृत्ति पर रोक l
15. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार दिया l
16. मताधिकार का अधिकार दिया l
17. प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति बनने का द्वार खोला l
18. मानवीय गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार दिया l ये कुछ कानून हैं नारी उद्धार के , देश की नारी के उत्थानकर्ता को नमन वरना भारतीय नारी की जिंदगी पशुओं से भी गयी गुजरी थी l
ये सारे अधिकार सभी महिलाओं के लिए बनाये इस संविधान के पूर्व महिलाएं पुरुष की दासी मात्र थी जिसका गवाह हिन्दू शास्त्र है ऋग्वेद में स्त्रियों को झूठी कहा गया,
उनके मन को भेड़िये जैसा बताया गया, किसी भी पुरुष के प्रति आकर्षित हो जाने वाली बताया !
रामचरित मानस में तुलसीदास ने पशुओं की तरह नारी को पीटने योग्य बताया, गीता में कृष्ण ने पाप योनि वाली बताया, मनुसमृति में तो पूछिये मत नारी को किस स्तर तक गिरा दिया.
लेकिन डॉ॰ बाबासाहेब अम्बेडकर ने संविधान के अनुच्छेद 13 में इन सारे शास्त्रीय नियमों को ध्वस्त कर महिलाओं को एक इंसान के रूप में सम्मान पूर्वक जीने का हक़ दिया.