सपा-बसपा गठबंधन-
"सुश्री मायावती जी व श्री अखिलेश यादव जी के साथ-साथ आने से अब वक्त बदलने वाला है"......
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यदि बुआ मायावती जी और भतीजा अखिलेश यादव जी एक साथ आ जांय और उनके बगल में सामाजिक न्याय व धर्मनिरपेक्षता की नीति को भारत में प्रतिस्थापित करने व रूढ़िगत एवं क्रूरतम साम्प्रदायिक माहौल का विनाश करने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय खड़ा हो जाय तो दुनिया की कौन सी ऐसी ताकत है जो देश मे अमन-चैन व समता स्थापित होने से रोक देगी?
उत्तर प्रदेश हमारे देश का हृदय स्थल है।इसके धड़कने से ही दिल्ली की सत्ता जीती-मरती है।जब यूपी मे भारतीय जनता पार्टी 73 सीटें जीती तो दिल्ली पर काबिज हो गयी और उसके पूर्व जब सपा-बसपा-कांग्रेस ने यूपी जीता था तो कांग्रेस सत्तासीन थी।एक बार फिर गंगा-जमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम से ऐसी परिस्थितियां बन रही हैं कि यूपी में समता,शांति और सद्भाव की खेती लहलहाने वाली है।
गंगा यूपी और भारत की जीवन दायिनी है।गंगा के कारण यूपी का बहुत बड़ा भूभाग उर्वर है।यमुना दिल्ली से लेकर यूपी तक के एक बड़े हिस्से को फलने-फूलने का अवसर देती है। इनसे पूरा यूपी हरा-भरा और जलधारा से परिपूर्ण रहता है।गंगा यूपी से निकलकर यमुना और सरस्वती को खुद में समाहित कर बिहार होते हुए बंगाल तक को सुख-शांति देती है लेकिन जैसे राजनीति को कुछ शक्तियां दूषित कर दी हैं वैसे ही यह गंगा भी कुछ सुख-शांति विरोधी व ढपोरशंखी ताकतों के कारण गंदी हो गयी है।अब समय गंगा को निर्मल करने के साथ-साथ राजनैतिक गंगा (गंगा-जमुना-सरस्वती) की धारा को मजबूत बनाने का आ गया।
यूपी में जो जो राजनैतिक गंगा/जमुना/सरस्वती है वह समाजवादी पार्टी/बहुजन समाज पार्टी/अल्पसंख्यक समुदाय है।जैसे गंगा और जमुना अपने अस्तित्व को एक मे मिला करके इलाहाबाद में अदृश्य सरस्वती को खुद में समाहित कर संगम की गंगा बना डालती हैं वैसे ही अब लखनऊ में समाजवादी पार्टी/बहुजन समाज पार्टी तथा अल्पसंख्यक समाज को एक जुट कर एक ऐसी शक्ति का निर्माण कर डालना है जिसके सामने सामाजिक न्याय,साम्प्रदायिक सद्भावना,संविधान व आरक्षण विरोधी ताकते ऐसे न दह-बह जांय जैसे जलधारा में किसी तिनके का अस्तित्व समाप्त हो जाता है।
यूपी में सपा एवं बसपा के साथ आ जाने से लोकसभा की सभी 80 सीटें इनकी झोली में होंगी।जब 22 प्रतिशत एससी/एसटी,12 प्रतिशत यादव तथा 18 प्रतिशत अल्पसंख्यक अर्थात 52% आबादी एक साथ आकर जातिवार जन गड़ना के साथ आबादी के अनुपात में आरक्षण की हुंकार भरेंगे तो शेष पिछड़ी जातियां अपने वर्गीय हित की रक्षा हेतु जबान चला करके दिल्ली की सत्ता पर सत्तासीन लोगो से बगावत कर के इस गठबंधन के पक्ष में खड़ी हो जाएंगी,फिर यूपी में यह गठबंधन 80 प्रतिशत से ज्यादा बहुमत प्राप्त कर अजेय रूप में देश मे विजेता बनेगा।
सपा-बसपा गठबंधन पर बसपा सुप्रीमो सुश्री मायावती जी के मझे हुए बयान बहुजन बुद्धिजीवियों के लिए किसी सरप्राइज से कम नही है।भाजपा के फूट डालो,राज करो कि नीति का पर्दाफास करते हुए मायावती जी जैसे मुखर हैं वह उनकी परिपक्वता का परिचायक है।मायावती जी का क्लियर स्टैंड अब यह आभास दिला रहा है कि दिल्ली दूर नही है।अखिलेश यादव जी का तो कुछ कहना ही नही है।इतना सहृदय,हाजिर जबाब और खुद को बुआ के समक्ष कम अनुभवी मान लेने की सनझदारी शायद ही किसी राजनैतिक कार्यकर्ता में हो।अखिलेश यादव जी ने यह कह करके कि "अब तो बुआ के आ जाने से परिवार एकजुट हुवा है,आपलोगो को बधाई देनी चाहिए",अपने राजनैतिक बड़प्पन का परिचय दिया है।
सच कहूं यदि यह गठबंधन केवल 5 साल चल गया तो देश की तस्वीर और बहुजनो के हालात इतने न शानदार हो जाएंगे कि पिछले 5 हजार सालों का सारा कोर-कसर निकल जायेगा।बहुजन साथियो! बूथ लेबिल से ही इतनी न जोरदार हुंकार जारी रहे कि भविष्य में यह गठबंधन गंगा-जमुना-सरस्वती की तरह एक साथ मिलकर ऐसी धारा बना दे जिसमे केवल व केवल अम्बेडकर व लोहिया के विचारधारा की लहरें हिलोरा मारें।
जय भीम! जय लोहिया!!जय मण्डल!!!