Kamaljeet Jaswal's Album: Wall Photos

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ये लड़की याद है न आपको तेलंगाना की अमृता? इस लड़की ने प्रणय नाम के एक दलित युवक से शादी की थी। लड़की के पिता न तो विधायक थे और न इन्होंने कोई वीडियो बनाया या मीडिया के सामने आकर आरोप, प्रत्यारोप लगाया। यहां तक कि पुलिस और कोर्ट से सुरक्षा की अपील तक न की। बस अपने प्यार को दुनिया की नजरों से छुपाते फिर रहे थे। बस इन्होंने शादी की और अपनी जिंदगी खुशी खुशी जी रहे थे। लड़की सात माह की गर्भवती हो गई तो रूटीन चेकअप के लिए हॉस्पिटल जाती थी। लड़की के पिता ने कुछ गुंडे पीछे लगाए थे।

लड़की के चाचा को इस बात भनक लग गई कि वह लड़का किसदिन अपनी पत्नी को हॉस्पिटल लेकर जाता है और एक दिन लड़की के घरवालों ने प्रणय को उसकी माँ और पत्नी यानि अमृता की आंखों के सामने बीच रोड़ पर काट डाला। लड़की का सुहाग उसके घरवालों ने छीन दिया था। वे इतने खुश थे मानों आज विश्व जीत लिया हो क्यूंकि उनकी यह नाक लड़ाई थी। लड़की ने कोर्ट में अपने पिता और चाचा के खिलाफ गवाही दी और आजीवन प्रणय की विधवा बनकर जीने का प्रण लिया।

अमृता का बेटा हुआ तो मानो प्रणय वापस आ गया हो। आज वही बेटा उसका संसार है। लड़की ने स्पष्ट किया है कि प्रणय के मां बाप को मैँ बेटे की कमी नहीं महसूस होने दूंगी और अपने बेटे को बाप की कमी नहीं खलेगी। मैं अब इसी घर मे रहूंगी और आजीवन अपने पिता का मुहं तक न देखूंगी। बेटे को इतना मजबूत बनाउंगी कि जातिवाद के खिलाफ लड़ सके।

आज जो लोग साक्षी और अजितेश के लिए साक्षी के पिता को हीरो बनाने में लगे हैं उनके लिए अमृता एक उदाहरण है। कायरता और डर से जोहर करना आसान होता है असली जोहर अमृता जी रही है। आप लोगों को अपनी बात ऊपर रखनी है इसलिए एक से बढ़कर एक कहानी और एक से बढ़कर एक व्याख्या लेकर आते हो जबकि सच यह है कि इस देश मे जातिवाद एक अभिशाप है और फर्जी सँस्कृति की बातों पर लोग गौरवान्वित होते हैं। आर पी विशाल।।