आजकल हिमा दास विश्वभर में छाई हुई है और काम भी ऐसा ही किया है लगातार पांच गोल्ड मेडल जीतना एक आदिवासी गरीब समाज से आकर विश्व के पटल पर स्वर्णिम अक्षरों में अपना नाम लिख जाए तो ऐसी शख्सियतों के लिए शब्द काम पड़ जाते हैं। ऐसे अनेकों लोग रहे हैं जिन्होंने अपने हुनर से न केवल गरीबी को मात दी बल्कि साबित किया कि अवसर ही असली योग्यता होती है जन्म से मात्र से कोई महान नहीं होता है। किसी को उचित अवसर यदि प्राप्त हो तो वह अपने लिए संभावनाएं तलाश ही लेगा।
पहली दो तस्वीरों में मि. सुनित जाधव हैं जो कि मि. मुंबई, मि. महाराष्ट्र 6 बार, मि. एशिया 2 बार रह चुके हैं तथा सैकड़ों अन्य प्रतियोगिता के विजेता हैं।। दूसरी तस्वीरों में मि. विनय कुमार जो कि 9 बार मि. इंडिया और बॉडी बिल्डिंग में न जाने कितने खिताब जीत चुके हैं। और भी ऐसे न जाने कितने ही भरे पड़े हैं कुछ अवसर की तलाश में हैं तो कुछ अनदेखी के शिकार हैं। इनके बारे में बात तो करनी पड़ेगी अन्यथा ऐसे लोग आये और चले गए किसे पता आप तो केवल आरक्षण पर ही झूठी बहस करते रहे गए।