सुरजा एस's Album: Wall Photos

Photo 166 of 5,827 in Wall Photos

*उठता लहंगा*..........चाहो तों नाराज हों जाओ आपलोग पर यही आज़ का फ़ैशन हों गया हैं तभी तों माँ ...बाप ...और लड़कियों और महिलाओं कीं बैंड बज रहीं हैं और दोष देखने वालों को देतीं हैं .......
*बढ़ती इज्जत*

1980 तंक लडकिया कालेज में साड़ी पहनती थी या फिर सलवार सूट। इसके बाद *साड़ी पूरी तरह गायब हुई* और सलवार सूट के साथ जीन्स आ गया। 2005 के बाद् *सलवार सूट लगभग गायब हो गया* और इसकी जगह skin tight काले सफेद स्लैक्स आ गए। फिर *2010 तंक लगभग पारदर्शी स्लैक्स आ गए* जिसमे आंतरिक वस्त्र पूरी तरह स्प्ष्ट दिखते हैं।

फिर सूट, जोकि पहले घुटने या जांघो के पास से 2 भाग मे कटा होता था, वो 2012 के बाद् कमर से 2 भाग के बंट गया और फिर 2015 के बाद् ये सूट लगभग ऊपर नाभि के पास से 2 भागो मे बंट गया जिससे कि *लड़की महिला के नितंब पूरी तरह स्प्ष्ट दिखाई पड़ते है* और 2 पहिया गाड़ी चलाती या पीछे बैठी महिला अत्यंत विचित्र सी दिखाई देती है ,मोटी जाँघे, दिखता पेट।

आस्चर्य की बात ये है कि
ये पहनावा कालेज से लेकर 40 वर्ष या ऊपर उम्र की महिलाओ मे भी अब दिख रहा है। बड़ी उम्र की महिलाए छोटी लड़कियों को अच्छा सिखाने की बजाए उनसे बराबरी की होड़ लगाने लगी है। नकलची महिलाए।

अब कुछ नया हो रहा 2018 मे , स्लैक्स ही कुछ printed या रंग बिरंगा सा हो गया और सूट अब कमर तक आकर समाप्त हो गया यानी *उभरे हुए नितंब अब आपके सामने है दर्शन हेतु।* ( आज ही एक स्कूल में ptm मे आई कुछ 40 , 45 वर्षीय महिलाए ऐसे ही दिखीं।)

साथः ही,
कालेजी लड़कियों या बड़ी महिलाओ मे एक नया ट्रेंड और आ गया, स्लैक्स अब पिंडलियों तंक पहुच गया ,कट गया है नीचे से, इस्लाममिक पायजामे की तरह।

और

सबसे बड़ी बात ये है कि *ये सब वेशभूषा केवल हिन्दू लड़कियों में ही दिखाई पड़ रही* ( हिन्दू पुरुषों की वेशभूषा में पिछले 40 वर्ष मे कोई उल्लेखनीय परिवर्तन नही हुआ) जबकि इसके उलट मुस्लिम लडकिया तो अब mall जाती है , बड़े होटल में सामाजिक पार्टियों में जाती है,तो पूरा ढंका बुर्का या सिर में चारो तरफ लिपटे कपड़े के साथ दिखाई पड़ती है।

हिन्दू लडकिया ,महिलाए जितना अधिक शरीर दिखाना चाह रही,मुस्लिम महिलाए उत्तणा अधिक ही पहनावे के प्रति कठोर होते जा रही, कपिल के कॉमेडी शो व अन्य tv शो में मंच पर आई vip मेहमानों मे हिन्दू मुस्लिम महिलाओं की वर्षभुषा मे यह अंतर स्प्ष्ट देखा जा सकता है।

पहले पुरुष सादारण या कम कपड़े पहनते थे,नारी सौम्यता पूर्वक अधिक कपड़े,अब टीवी सीरियलों,फिल्मों की चपेट में आकर हिन्दू नारी के आधे कपड़े उतर चुके और स्वयम को modern समझने लगी।

तो

*यूरोप द्वारा प्रचारित नंगेपन के षड्यन्त्र* की सबसे आसान शिकार, भारत्त की मूर्ख तथाकातीत हिन्दू लडकिया महिलाए ही है जिनका देश,धर्म,इतिहास के प्रति ज्ञान शून्य ही होता है

और

कपड़े उतारने को आतुर ,उत्सुक ये लडकिया ,महिलाए अपने *आपको माडर्न सिद्ध* करने की कोशिश में स्वयम को *अपने आप* समाज मे प्रतिष्ठित मान लेती है, एक भ्रम,वहम, जिसका कोई लाभ नही
एवं नई हिन्दू लड़कियों को उन्मुक्त जीवन ,बंधन रहित की तरफ मोड़ने वाली पूरी प्रक्रिया है ये।

और पहनावे में यह बदलाव ना पारसी महिलाओं में आया ना मुस्लिम महिलाओं में आया यह बदलाव सिर्फ ईसाई और हिंदू महिलाओं में ही आया