आज बागीदौरा में एक पुलिया के पास मुनिश्री तरुणसागरजी की पिच्छी एवं किताबें, मोमेन्टो पडे हुये मिले। किसी व्यक्ति ने यह चीजे नदीं में फेंकी है।
यह एक घिनौना कृत्य है। हमारी भावनाअों के साथ खिलवाड है। अगर आप मुनिश्री की इन यादगार चीजों को संभाल नहीं सकते तो हमें भेंज दे। आपको इन्हें यूँ रास्ते पर फेंकने का कोई अधिकार नहीं है। मुनिश्री आज पूरे देश की आस्था है, देश की धरोहर है। उनकी हर चीज देश के लिए प्रेरणा का स्त्रोत्र है।
यह किसने किया है, क्यों किया है, कब किया है, हमें पता नहीं , पर जिसने भी किया है, भगवान उसे कभी माफ नहीं करेगा।