लोगो की नजर और अंदर की भावना जेसी होती है वैसी उसकी नजर रहेगी जिस नजर से अपन अपनी बहन और मां और पतनी को देखते है लेकीन हर बार नजर वही और मन की भावना अलग
मेरे कहने का मतलब हर कोइ लडका सभी महिलाऔ को लडकियो को अपनी मां और बहन मानने लगे तो तब जाकर भारत की नारी अपने को सुरकसित महसूस करेगी बाकी तो रकसा बंधन और भाई दूज खाली मनाने से कुछ नही होन् वाला