एक रोज तुमने थामा था, हाथ मेरा..........
मेरे हाथ से तुम्हारे हाथ की खुशबू नही जाती !
तुम बहुत प्यार से पुकारते थे, नाम मेरा......
मेरे कानों से तुम्हारी, आवाज नही जाती......!
मैं भूलता भी नही था और तुम आ जाते थे...
अब बुलाने पर भी मेरी आवाज, तुम तक नही जाती!
मैं जानता हूँ ये शहर - ये रास्ते, तुम्हारे नही है.....
फिर भी मेरी आँखों से, इंतेजार की आदत नही जाती!!.....