"वाह मौसम आज तेरी अदा पर दिल खुश हो गया.. याद मुझे आई और बरस तू गया. अच्छा लगता है मुझे उन लोगों से बात करना जो मेरे कुछ भी नही लगते, पर फिर भी मेरे बहुत कुछ हैं ऐ जिंदगी तू खेलती बहुत हैं खुशियों से हमारी , पर हम भी इरादे के पक्के हैं मुस्कुराना नहीं छोड़ेंगे मेरी फितरत में नहीं है किसी से नाराज होना नाराज वो होते है जिसे खुद पर गुरुर होता है यादों की फरमाइश भी बड़ी कमाल की होती है. सजदा वही होता है जहाँ दिल की हार होती हैं मोहब्बत की महफ़िलों में खुदगर्ज़ी नहीं चलती aaravके दिल पे किसी की मरज़ी नहीं चलती...