कभी यूँ ही हम बहुत खुश हो जाते हैं! पता ही नहीं होता कि आज क्या बात है ,हम इतना खुश क्यों हैं...!
लगता है कि ऐसा कोई काम नहीं है जो हम न कर पायें!
दुनिया अचानक से बडी खूबसूरत लगने लगती है!
कभीकभी जीवन से ही इतनी निराशा होने लगती है कि लगता है कि हमारा जीवन तो यूँ ही व्यर्थ निकल गया!
दुनिया बेगानी, नीरस लगने लगती है!
कभी छोटी छोटी बातों में बेवजह गुस्सा करने लगते हैं!
कहीं का गुस्सा किसी पर निकाल देते हैं!
कभी किन्हीं पलों में चाहते हैं कि बस सबसे एक दूरी बना लें कि कोई अपना नहीं है!
कभी जब कोई प्यार से बोल ले तो ऐसा लगता है कि नहीं हम तो गलत सोच रहे थे , सब अपने ही तो हैं! सबसे नाता जोडे रखना चाहिये!
कभी सामने वाला कुछ कह गया तो पता नहीं क्या क्या मन में सोच लेते हैं!
कभी प्रिय रिश्तों की छोटी छोटी बातों को बडा बनाकर डोरी तोड लेते हैं तो कभी रूठे रिश्तों को बडा दिल रखते हुये माफ कर गले लगा लेते हैं!
सच्ची.....
बडा ही रहस्यमयी है ये मानव मन .
Courtesy: Rekha Jalan