मुझसे फोन पर रात दस बजे
उसने अचानक कहा ---
फिर करूंगी आप से बात
अभी तो मुझे घर के सारे बर्तन धोने हैं
कल सुबह सुबह फिर से निकलना भी तो है
अगले दिन जब दोपहर को किया फोन
उसने कहा --
अभी मैं वाशिंग मशीन चला रही हूँ
सपताह भर के कपडे़ जमा हो गये हैं
बच्चों को स्कूल भी तो जाना है कल से
फिर करूंगी आप से विस्तृत बात
शाम को किया फोन उसको
तो उसने कहा ----
अभी सब्जी बाज़ार में हूँ
आलू और टमाटर के बीच में फंसी हूँ
समझ में नही आ रहा
उनके लिए भिन्डी लूं या परवल
पता नही किस बात पर हो जाएँ वे नाराज़
रात में फोन किया
तो उसने कहा ----
अभी खाना बना रही हूँ
आटे में जिन्दगी को गूँथती हुई
फिर करूंगी आपसे बात कभी
कूकर की सीटी में
आपकी आवाज़ भी सुनायी नही पड़ रही ठीकसे
एक दिन दोपहर में किया उसको फोन
तो उसने कहा --
अभी बच्चों को होम वर्क करा रही हूँ
देखिये किस तरह
खुद एक किताब बन गयी हूँ
एक पेन्सिल
एक कागज़
आपको जल्द ही फोन करूंगी
फोने पर दूंगी जवाब
जो प्रश्न किये आपने मुझ से
बहुत दिनों के बाद उसे फोन किया
यह सोचकर
कि अब उसके पास कुछ समय होगा
पता चला
कि वह अस्पताल में है
बुखार में तड़पती हुई
दर्द से कराहती
उसने फोन पर झिझकते हुए कहा
आपने इतनी बार किया मुझको फोन
और मैं आपसे पूरी तरह बात भी नही कर सकी
मैं जल्द ही दूंगी जवाब एक एक प्रश्नों का
मुझे लगा अब मुझे फोन नहीं करना चाहिए
उसकी कांपती आवाज़ में ही
सारे उत्तर छिपे हुए हैं
फिर एक लम्बी हिचकी की
आवाज़ आयी उधर से
मैं यह सोच कर घबरा गया
क्या एक स्त्री इसी तरह जवाब देती है
सारे सवालों का
अपने जीवन में ?