सुख भरपूर गया,,,मांग का सिंदूर गया,,
बाप की दवाई गई,,भाई की पढाई चली गई,,
छोटी छोटी बेटियों की चोटियां चली गई,,
साहब,,,ऐसा विस्फोट किया हरामी ने,,
जिस्म का पता नही,,पूरे जिस्म की,, बोटियां ,,चली गई,,,
लोगो के लिये तो बस 42 जवान मरे है,,,किन्तु
उनके घरो की तो रोटिया चली गई,,,,रोटियां चली गई,,
प्यारे वीर शहीदों,,,आप सभी को मैं क्या श्रद्धाजलि दूं,,,,शब्द नही है आप सभी के बलिदान के सामने,,
जय हिन्द,,,,,,
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