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*चांद सी आंखों से गिरते हैं अश्क से तारे*
*है घनेरी जुल्फ तले नम रात के नजारे*
*दर्द आएगा दबे पांव सुबह की तरह*
*फिर तो सूरज में जलेंगे मेरे अरमां सारे*
*तुम्हें पाया तो नीरस हो गई ये दुनिया*
*और दुश्मन सी हो गई घर की दीवारें*
*तू न आई तो अधूरी है जिंदगी की गजल*
*जाने कब आएगी तू लेकर हुस्न की बहारे
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