एक तेजाब से झुलसी लड़की जब हस्पताल से छुट्टी होकर निकली तो हस्पताल के बाहर प्रेस रिपोर्टरो ने घेर कर सवालों का बछौर कर दिया...
रिपोर्टर---सुना है आपने पुलिस को कोई केस नहीं कीया ??
लड़की---जी सही सुना है..
रिपोर्टर--- मगर क्यों?? क्या आप उस दरिन्दे को नहीं पहचानती??
क्या आप नहीं चाहती की उसको उसके कीये की सजा मिले??..
लड़की---- हर सवालों का जवाब दिया जाए ऐसा भी जरूरी नहीं है !!
मैं केश भी करती तो क्या होता??
उस लड़के से ज्यादा मुझसे ही ज्यादा सवाल पूछा जाता !!
मेरी इलाज मे मेरे पापा मम्मी ने पानी की तरह पैसा बहाकर मेरी जान बचाई है !!
आप सबको तो पता ही है की इंसाफ मिलते मिलते गरीब और भी गरीब हो जाता है !!
उसे सजा भी हो जाती तो क्या होती 7 साल 10 साल या उम्र कैद??
क्या उसकी सजा से मेरी चेहरे की सुन्दरता लौट आती ??
रिपोर्टर---- कहीं खुदखुशी करने का इरादा तो नहीं??..
लड़की---- (मुस्कुराकर) ये तो मेरा सौभाग्य है कि मुझे एक अच्छी मां और एक अच्छे पापा मिले
जो ये जानते हुए भी की कोख में बेटी है
फिर भी मुझे पैदा करने की हौसला दिखाया !!
ये जानते हुए भी लड़की का पैदा होना
कितनी मुश्किल है दुनिया मे, कदम कदम पे मुश्किलें !!
एक मुश्किल से तो मैं गुजर कर आपके सामने ही हूँ !!
मैं भले अब खूबसूरत नहीं मगर कोई दिल से मुझे अपनाने वाला मिला तो मैं एक अच्छी माँ तो जरूर ही बन सकती हूँ ना !!
रिपोर्टर---- अब आपकी ख्वाहिश क्या है ??
लड़की ---- इस जन्म मे अब कोई ख्वाहिश नहीं रही !!
हाँ अगले जन्म के लिए एक दुआ एक जिद और एक ख्वाहिश जरूर की है मैंने !!
रिपोर्टर---- कैसी ख्वाहिश ??
लड़की ---- (सर झूकाकर रोते हुए ) अगर ईश्वर ने अगले जन्म मे भी मुझे इंसान बनाकर धरती पे भेजा तो मै ईश्वर से कहूँगी कि !!
मेरी ख्वाहिश फिर से बेटी बनकर पैदा होने की है...
मगर मेरा बाप वही इंसान बने ..
जिसने मेरे चेहरे को तेजाब से जलाया था !!
ताकि फिर कोई दरिन्दा मुझे तेजाब से मेरे चेहरे को जलाऐ..
ताकि उसे भी ये एहसास और दर्द हो कि...
एक तेजाब से जले बेटी के माँ बाप को कितनी तकलीफ होती है...
इस बहादुर बेटी की सोच को आपका इक शेयर मिल सकता है क्या ?