मुझे शिकायत है कि
लोग बड़ी बड़ी गाड़ियाँ रखलेते मगर मानसिक बोधिक विकास मे जीरो रहते है।
यह कार चालक किस प्रकार चलती गाड़ी का दरवाज बार बार खोलकर सड़क पर जरदा / पान पीक थूकता हुआ चल रहा है। जहाँ यह स्वच्छता अभियान की सार्वजनिक रूप से खिल्ली उडाता चल रहा है वही यातायात नियमों को भी अनदेखा कर सड़क उपयोग कर्ताओ के लिये कितना घातक सिद्ध हो सकता है इन सब के लिये ला परवाह है।