आज एक खूबसूरत वाकया हुआ चाय की दुकान के सामने से दो साधु गुजर रहे थे मैने उन्हें चाय पीने का आग्रह किया बहुत निवेदन करने के बाद वो चाय पीने को माने। उनसे चर्चा की तो वे नर्मदा यात्रा के लिए निकले है आठ दिन से चल रहे हैं और ये यात्रा गुजरात नर्मदा नदी के समुद्र मिलन पर समाप्त होगी। मैने गुणा भाग किया तो वे लगभग 1000 किलोमीटर की यात्रा करेगे। मैने उन्हे कुछ पैसे देने की कोशिश की तो उन्होंने असहज स्थिति में स्वीकार किया। आप दाए और बैठे साधु के पैरों की हालत देखकर इस कठिन तपस्या का अंदाजा लगा सकते है। सही मायने में साधु वहीं है जो संसार कि सारे मोह माया त्याग दे। नहीं तो कार सवार साधु घूम ही रहे है।