प्रमोद कुमावत Pramod kumawat's Album: Wall Photos

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वाह, कलेक्टर साहब।

टी अन्बाझगन कलेक्टर साहब अपनी नेक नियत और दरियादिली के लिए मशहूर रहे हैं.इनके बारे में बहुत से रोचक किस्से पढ़ने को मिले.30 अप्रैल 2018 रिटायर उनके ड्राइवर हो गए .रिटायर होने से पहले अपने ड्राइवर को कहा कि मैं आपको आपकी 33 साल की सेवा के बदले सम्मानित करना चाहता हूं. कलेक्टर साहब ने ड्राइवर के लिए कार चलाई . कार का दरवाजा खोल बिठाया और कार से उतरते समय खुद दरवाजा खोल कर उनको नीचे उतारा .यह उनके जमीन से जुड़ा होने का परिचय था !

एक 80 साल की बूढ़ी माता घर में बिल्कुल अकेली कई दिनों से भूखी बीमार अवस्था में पड़ी हुई खाना-पीना और ठीक से उठना-बैठना भी दूभर। हर पल भगवान से उठा लेने की फरियाद करती हुई। खबर तमिलनाडु के करूर जिले के कलेक्टर टी अन्बाझगन के कानों में पहुंचती है। दरियादिल यह आइएएस अफसर पत्नी से खाना बनवाता है। फिर टिफिन में लेकर निकल पड़ता है वृद्धा के चिन्नमालनिकिकेन पट्टी स्थित झोपड़ी में।

जिस बूढ़ी माता से पास-पड़ोस के लोग आंखें फेरे हुए थे, कुछ ही पल में उनकी झोपड़ी के सामने जिले का सबसे रसूखदार अफसर मेहमान के तौर पर खड़ा नजर आता है। वृद्धा समझ नहीं पातीं क्या माजरा है। डीएम कहते हैं-माता जी आपके लिए घर से खाना लाया हूं, चलिए खाते हैं।

वृद्धा के घर ठीक से बर्तन भी नहीं होते तो वह कहतीं हैं साहब हम तो केले के पत्ते पर ही खाते हैं। डीएम कहते हैं-अति उत्तम। आज मैं भी केले के पत्ते पर खाऊंगा। किस्सा यही खत्म नहीं होता. चलते-चलते डीएम वृद्धावस्था की पेंशन के कागजात सौंपते हैं। कहते हैं कि आपको बैंक तक आने की जरूरत नहीं होगी, घर पर ही पेंशन मिलेगी। डीएम गाड़ी में बैठकर चले जाते हैं, आंखों में आंसू लिए वृद्धा आवाक रहकर देखती रह जातीं हैं.

ऐसे अच्छे और ईमानदार लोगों के बारे में आज के जमाने में सुनने देखने को मिलता है तो दिल खुश सोच मन में सकारात्मकता आती है और एक प्रेरणा मिलती है कि आज के समय में आज भी लोग नेक दिल और अच्छे हैं इस दुनिया में जो अपने व्यवहार से अपनी नेक नियति से समाज और संसार में छाप छोड जाते हैं. मे कलेक्टर साहब को दिल से सलाम करता हॅू