प्रमोद कुमावत Pramod kumawat's Album: Wall Photos

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अंधेरे का क्‍या वजूद ?

फिजिक्‍स के प्रोफेसर क्‍लास में पढ़ा रहे थे। स्‍टूडेंट्स को मस्‍तियाते देखकर उन्‍होंने चुनौती देते हुए सवाल पूछा, ‘क्‍या ईश्‍वर ने ही सारा संवार रचा है?’
एक छात्र ने कहा, ‘हां बेशक !’
प्रोफेसर बोले, ‘अगर ईश्‍वर ने यह सारा संसार रचा है तो उन्‍होंने बुराई को भी रचा होगा। ऐसे में अगर बुराई है तो ईश्‍वर भी बुरे हैं।’
इस बात पर किसी भी छात्र का जब जवाब नहीं आया तो प्रोफेसर साहब ने कहा कि उन्‍होंने यह साबित कर दिया है कि ईश्‍वर नाम की कोई चीज नहीं होती। यह एक कपोल कल्‍पना है और ईश्‍वर का वजूद निरर्थक है।
वे अपनी बात खत्‍म कर ही रहे थे कि एक छात्र ने हाथ खड़े किए और कहा, ‘क्‍या मैं एक सवाल पूछ सकता हूं?’
बेशक ! प्रोफेसर साहब ने सीना चौड़ा करते हुए कहा।
उस छात्र ने पहला सवाल दागा, ‘क्‍या ठंड होती है !’
‘ये कैसा सवाल है ?’ बेशक! ठंड होती है। क्‍या तुमने कभी ठंड महसूस नहीं की ?
छात्र ने जवाब दिया, ‘असल में ठंड होती ही नहीं। फिजिक्‍स के नियमों के अनुसार, जिसे हम ठंड कहते हैं, वह असल में ऊष्‍मा की गैर मौजूदगी है। किसी भी वस्‍तु का तभी अध्‍ययन किया जा सकता है, जब तक वह ऊष्‍मा संचरित करती है। एब्‍सॉल्यूट जीरो (शून्‍य से 372 डिग्री कम तापमान) पर ऊष्‍मा नहीं रह जाती, फिर भी ठंड का अस्‍तित्‍व नहीं होता। ठंड तो हमारे द्वारा तैयार किया गया एक शब्‍द भर है।’
इससे पहले कि प्रोफेसर जवाब दे पाते, उसी छात्र ने अगला सवाल दाग दिया, ‘क्‍या अंधेरे का अस्‍तित्‍व है ?’
प्रोफेसर बोले, ‘हां, बेशक !’
छात्र बोला, ‘आप फिर गलत हैं सर ! अंधेरे का भी कोई वजूद नहीं। अंधेरा तब होता है, जब प्रकाश मौजूद न हो। अंधेरा हमारे द्वारा तय किया गया वह शब्‍द है जो प्रकाश के न होने की स्‍थति को दर्शाता है।’
प्रोफेसर को हैरत में देख, छात्र ने आखिरी सवाल दागा, ‘क्‍या बुराई होती है ?’
प्रोफेसर भी बोले, ‘हां होती है। इसे हम उत्‍पीड़न, अपराध और हिंसा के रूप में देख सकते हैं।’
अब छात्र की बारी थी। उसने कहा, ‘सर, बुराई भी नहीं होती। जैसा कि मैंने पहले ही कहा था, यह इंसानों के द्वारा रचा गया एक शब्‍द भर है, जो यह दर्शाता है कि जब इंसान के ह्दय में ईश्‍वर वास नहीं करता तो उसका नतीजा क्‍या होता है।’
इस जवाब के बाद प्रोफेसर ने हार मानकर अपना सिर उस छात्र के आगे झुका लिया। उनके पास कोई जवाब नहीं था।
आप जानते हैं उस छात्र का नाम क्‍या था ?
अल्‍बर्ट आइंस्‍टीन