रे. क्राक जो भी काम करने बैठते उसमें असफल हो जाते। सबसे पहले उन्होंने फ्लोरिडा में रीयल एस्टेट बेचने की कोशिश की, किंतु उसमें उन्हें घाटा हो गया। रीयल एस्टेट में घाटा होने के बाद उन्होंने उस काम को छोड़ दिया और एक बैंड में पियानो बजाने लगे। लेकिन वहां भी उन्हें कोई खास सफलता नहीं मिली। कुछ समय खाली रहने के बाद वे काफी परेशान हो गए। जीविका चलाने के लिए कोई न कोई काम करना तो जरूरी था। जब उन्हें काफी कोशिशों के बाद भी काम नहीं मिला, तो वे फ्रांस में कार ड्राईवर बन गए। लेकिन इसमें भी उनका मन नहीं लगा। ड्राईवरी छोड़कर वे सेल्समैन बन गए। उन्हें यह समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर उनका काम में मन क्यों नहीं लगता है?
शायद मन कोई नया और साहसिक काम करना चाहता था। ये तरह-तरह के धंधे आजमाने के बाद उन्होंने अपनी एक कंपनी बनाई और तेरह वर्ष तक मल्टी मिक्सर्स बेचते रहे। इसी तरह समय के साथ-साथ उनकी आयु बढ़ती रही और उन्हें सबसे बड़ी सफलता अपने जीवन के बावन वर्ष बिताने के बाद मिली। उन्होंने देखा कि उनके मल्टी मिक्सर्स का सबसे बड़ा खरीददार एक ऐसा रेस्तरां है, जिसे दो भाई मिलकर चलाते हैं।
एक दिन रे. क्राक उस रेस्तरां में गए। वहां उन्होंने देखा कि लोग लाइन में खड़े होकर हैमबर्गर के लिए हल्ला मचा रहे हैं। वहां से वापस आने के बाद उन्होंने काफी सोच-विचार कर मैक डोनल्ड बंधुओं के फ्रेंचाइजी अधिकार खरीद लिए। इसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने मैक डोनल्ड फ्रेंचाइजी चेन बनाकर पूरे विश्व में अपना व्यापार फैलाना शुरू किया और आज दुनिया के हर शहर में उनके बर्गर बिक रहे हैं। इस प्रकार रे. क्राक ने जीवन के उस समय में सफलता प्राप्त की, जब लोग कार्य करके और असफलता मिलने पर हार कर बैठ जाते हैं और अपना जीवन समाप्त समझते हैं।