Haryanvi Guruji's Album: Wall Photos

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शिव श्रीजी दोनों एक है, हर हरीकी है यह लीला,
हर हरी राधे श्याम स्वरुप है, दोनों नहीं है जुदा।

चंपेश्र्वर चंपारणमें बिराजे, महाप्रभुकी आराधना,
एक दूजे अपनी भक्तिमें लीन है, परम है यह साधना।

ब्रह्मा विष्णु महेश सनातन, स्वरूप अनेक आराधना,
हर स्वरूपकी एक है शक्ति, मंत्र अलग है साधना।

जिस स्वरूपमें जिसको पूजो, प्रगट है एक आत्मा,
वही ब्रह्मातमा के हम सब अंश है, शिव शिव है साधना।

ध्यान धरो या करो मानसी सेवा, स्वरूप अलग साधना,
राधे श्याम भवानी शिव मिलेंगे, होगी सफ़ल आराधना।

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