Hemant Chavan's Album: Wall Photos

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#कोंग्रेस_चालीस_18

नीचे की तस्वीर 1948 में लंदन ओलिंपिक खेल रही भारतीय फुटबॉल टीम की है।
– आजाद भारत की फुटबॉल टीम के पास इतने पैसे नहीं थे कि जूते खरीद सकें।
– कुछ खिलाड़ी जुराबें (socks) पहनकर खेलते थे और बाकी नंगे पांव।
– यह वो समय था जब प्रधानमंत्री नेहरू के परिवार के कपड़े ड्राईक्लीन होने पेरिस जाते थे।
– जब एयर इंडिया के विमान से नेहरू जी एडविना को ल-लेटर भेजते थे।
– पहले मैच में भारत ने फ्रांस को 1-1 से बराबर रखा। आखिरी मिनट में गोल से भारत हार गया।
– शानदार खेल के लिए भारतीय खिलाड़ियों को दर्शकों ने Standing Ovation दिया था।
– इसके बाद टीम ने 1950 में ब्राजील में फीफा वर्ल्ड कप फुटबॉल के लिए क्वालीफाई किया।
– लेकिन आखिरी वक्त में टीम को भेजने से मना कर दिया गया।
– देश को बताया गया कि फीफा ने नंगे पांव (Barefoot) फुटबॉल खेलने पर पाबंदी लगा दी है।
– आयोजकों को बताया गया कि भारत गरीब देश हैं, वहां तक आने के पैसे हमारे पास नहीं।
– फीफा ने कहा कि वो चाहते हैं कि भारत जैसी प्रतिभावान (Talented) टीम वर्ल्ड कप में आए।
– उन्होंने सभी भारतीय खिलाड़ियों के आने-जाने और ठहरने का खर्चा उठाने का एलान किया।
– लेकिन नेहरूजी की सरकार ने टीम नहीं भेजी। (तब एसोसिएशन सरकार के तहत था)
– वर्ल्ड कप की तैयारी कर रही टीम का मनोबल बुरी तरह से टूट गया।
– तब से आज तक भारत कभी भी फीफा वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई नहीं कर सका।
– उसके बाद भी फुटबॉल टीम के खिलाड़ियों को जूते नहीं दिए गए।
– उस दौर में भारतीय टीम के कैप्टन शैलेंद्रनाथ मन्ना वर्ल्ड के टॉप-10 कप्तानों में से एक थे।
– कुछ साल बाद उन्होंने भारतीय फुटबॉल टीम के साथ हुए इस धोखे की कहानी बता दी।
– आज भारत में 7 मेन फुटबॉल स्टेडियमों में से 3 के नाम चाचाजी नेहरू के नाम पर हैं।
– एक स्टेडियम चाचाजी की बेटी इंदिरा गांधी के नाम पर है।
– पिछले साल भारत में जब फीफा का अंडर-17 वर्ल्ड कप हुआ तो विदेशी खिलाड़ियों ने समझा कि जवाहरलाल नेहरू शायद भारत के ग्रेटेस्ट फुटबॉलर होंगे।
– आज 70 साल बाद देश के असली ग्रेटेस्ट फुटबॉलर शैलेंद्रनाथ मन्ना को कोई नहीं जानता।