Hemant Chavan's Album: Wall Photos

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युग का #महानायक जेहादियों का #काल जिसका नाम इतिहास में लिखा नहीं गया।पता है क्यूं ?
क्यूंकि यह वह शख्सियत है जिसने बंगाल के #नोहाखोली हिन्दू मुस्लिम दंगे में मुस्लिमो द्वारा मारे जाने से क्रुद्ध हो अपने कुछ साथियों के साथ मिल कर #मुस्लिम_जेहादियों को इस कदर कत्लेआम मचाया कि हिन्दुओं के मारने पर चुप बैठे गांधी जी मुस्लिमो के मारे जाने पर इतने दुखी हुए की अनशन पर बैठ गए।

इस वीर पुरुष का नाम है #गोपाल_पाठा जाति से खटीक थे और इनका कार्य मांस बेचना और काटना था।
16 अगस्त 1946 को कलकत्ता में ‘#डायरेक्ट_एक्शन ‘ के रूप में जाना जाता है। इस दिन अविभाजित बंगाल के मुख्यमंत्री #सुहरावर्दी के ईशारे पर मुस्लिम लीग के गुंडों ने कोलकाता की गलियों में भयानक #नरसंहार आरम्भ कर दिया था।
कोलकाता की गलियां शमशान सी दिखने लगी थी। चारों और केवल लाशें और उन पर मंडराते गिद्ध ही दीखते थे।
जब राज्य का मुख्यमंत्री ही इस दंगें के पीछे हो तो फिर राज्य की पुलिस से सहायता की उम्मीद करना भी बेईमानी थी।
यह सब कुछ जिन्ना के ईशारे पर हुआ था।
वह गाँधी और नेहरू पर विभाजन का दवाब बनाना चाहता तह।
हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार को देखकर ‘ गोपाल पाठा’ (1913 – 2005) नामक एक बंगाली युवक का खून खोल उठा।
उसका परिवार कसाई का धंधा करता था। उसने अपने साथी एकत्र किये। हथियार और बम इकट्ठे किये।
और दंगाइयों को सबक सिखाने निकल पड़ा।
वह शठे शाठयम समाचरेत अर्थात जैसे को तैसा की नीति के पक्षधर थे। उन्होंने #भारतीय_जातीय_बाहिनी के नाम से संगठन बनाया।
गोपाल के कारण मुस्लिम दंगाइयों में दहशत फैल गई। और जब हिन्दुओ का पलड़ा भारी होने लगा तो सुहरावर्दी ने सेना बुला ली। तब जाकर दंगे रुके।
गोपाल ने कोलकाता को बर्बाद होने से बचा लिया।
इतिहासकार #संदीप_बंदोपाध्याय के अनुसार गोपाल कभी भी #कट्टरपंथी नहीं थे। उनके विचार मुसलमानों के मजहब के नाम पर अत्याचार करने से बदले।

*#गांधी जी ने कोलकाता आकर #अनशन प्रारम्भ कर दिया। उन्होंने खुद गोपाल को दो बार बुलाया। लेकिन गोपाल ने स्पष्ट मना कर दिया।
तीसरी बार जब एक कांग्रेस के स्थानीय नेता ने प्रार्थना की “कम से कम कुछ हथियार तो गाँधी जी सामने डाल दो”

तब गोपाल ने कहा “जब हिन्दुओ की हत्या हो रही थी तब तुम्हारे गाँधी जी कहाँ थे ??? मैंने इन हथियारों से अपने इलाके की हिन्दू महिलाओ की रक्षा की है, मै हथियार नहीं डालूँगा।
मेरे विचार से अगर किसी दिन हमारे देश में #हिन्दू_जाति रक्षकों का स्मृति मंदिर बनाया जायेगा तो महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी और बन्दा बैरागी सरीखों के समान गोपाल पाठा का चित्र भी उसमें अवश्य लगेगा।
अर्जुन तितौरिया खटीक