फौज में मौज है;
हजार रूपये रोज है;
थोड़ा सा गम है;
इसके लिए भी रम है;
ज़िंदगी थोड़ी रिस्की है;
इसके लिए तो व्हिस्की है;
खानें के बाद फ्रुट है;
मरनें के बाद सैलूट है;
पहनने के लिए ड्रैस है;
ड्रैस में जरूरी प्रेस है;
सुवह-सुबह पी.टी है;
वॉर्निग के लिए सीटी है;
चलने के लिए रूट है;
पहनने के लिए D.M.S बूट है;
खाने के लिए रिफ्रैशमेंन्ट है;
गलती करो तो पनिशमेंट है;
जीते-जी टेंशन है;
मरने के बाद पेंशन है।
: कहते हैं फौजी आधे पागल होते हैं.
.सही कहते हैं..पागल होना भी चाहिये..
वर्ना किसमें इतना दम होगा जो
-60° के ग्लेसियर में..और
+55° के रेगिस्तान में दुश्मन के आगे सीना चौड़ा करके खड़ा हो जाएगा..
— ये हर किसी के बस की बात नही!