AKSHAT KUMAR's Album: Wall Photos

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*"भू-लोक का गौरव, प्रकृति का पुण्‍य लीला स्थल कहाँ?*
*फैला मनोहर गिरी हिमालय और गंगाजल जहाँ।*
*संपूर्ण देशों से अधिक किस देश का उत्कर्ष है?*
*उसका कि‍ जो ऋषिभूमि है, वह कौन? भारतवर्ष है।"*

*यह अत्यंत शुभ स्थिति है कि राजनीतिक केन्द्र देश की राजधानी, 'दिल्ली' में ही "विहंगम योग" संस्थान द्वारा 28, 29 व 30 दिसंबर 2018 को वर्तमान समाज को अपनी गरिमामयी संस्कृति के गौरवशाली पक्षों से जोड़े रखने हेतु एक विशाल "भारतीय संस्कृति महोत्सव" का आयोजन होने जा रहा है।*

*पर्यावरण शुद्धि व श्रेष्ठ मनोकामना पूर्ति हेतु 5101 कुण्डीय वैदिक महायज्ञ, योग सम्मेलन व भारतीय संस्कृति की झाँकी आदि से युक्त यह महाआयोजन जहाँ हमें अपनी सांस्कृतिक-विरासत को समझने, सम्भालने और आत्म-गौरव से युक्त हो सबके कल्याण का मार्ग सुनिश्चित करने का अवसर दे रहा है, वहीं व्यक्ति और समाज में निहित पीढ़ी-दर-पीढ़ी श्रेष्ठ संस्कारों को संजोते हुए भौतिक प्रगति के मानदण्डों के साथ जीवन की सफलता को संतुलित करने का मार्ग प्रशस्त करता है।*

*ऋषियों-महर्षियों की तपःस्थली भारत की संस्कृति का मूल आधार अध्यात्म रहा है। जब-जब आध्यात्मिक मूल्यों का अनुपालन हुआ है, समाज समृद्धि की ओर अग्रसर हुआ है। आज जब अपने पूर्वज ऋषियों के बतलाए मार्ग को छोड़कर हम विदेशी प्रथाओं का अंधानुकरण कर रहे हैं, जीवन जटिल और सारहीन हो गया है। भारत देश से ही भारतीयता गायब हो रही है जबकि पश्चिमी देश हमारी जीवनशैली का अनुसरण करने को तत्पर मिलते हैं।*

*समाज में फैलते अँधेरे का अंत आध्यात्मिक सूर्य के उदय से ही संभव है, जिसमें सभी में परस्पर प्रेम व सौहार्द का वसुधैव-कुटुम्बकम का भाव उदित हो और 'आत्म-शान्ति से विश्व-शान्ति का मार्ग' प्रशस्त हो।*

*इस "भारतीय संस्कृति महोत्सव" में आप सभी सादर सपरिवार आमंत्रित है। आप सभी से निवेदन है कि जिन्हें भी 'दिल्ली' में किन्हीं से भी संपर्क हो वे उन सभी को इस दुर्लभ सांस्कृतिक व आध्यात्मिक समारोह में आने के लिये प्रेरित करें।*

*आध्यात्मिक ज्ञान के बदौलत ही भारत विश्वगुरु था, है और रहेगा। बस आवश्यकता है हमें अपनी जड़ों की ओर लौटने की, अपने महान ऋषियों के बतलाए मार्ग को अपनाने की, पुनः भारतवर्ष को महान बनाने की, भारतीय संस्कृति महोत्सव मनाने की।*

*"अरुण यह मधुमय देश हमारा,*
*जहाँ पहुँच अनजान क्षितिज को मिलता एक सहारा।"*

देखें - www.vihangamyoga.org
www.swarved-mahamandir.org

*संपर्क सूत्र : -*
*दिल्ली - 88263 16231, 81788 05821,98680 78886*
*गुड़गाँव - 99114 72525, 99717 75712, 98739 50885*
*फरीदाबाद - 98119 17481, 88826 90221, 99115 20257*
*नोयडा - 95600 02893, 99531 97289, 81785 08824*
*ग़ाज़ियाबाद - 88604 32662, 98115 93134, 88269 83025*

*"भारतीय संस्कृति महोत्सव" का गर्व हरेक भारतीय को होना चाहिए।*