आप सभी इस आध्यात्मिक समागम में उपस्थित होकर अध्यात्म के सर्वोच्च ज्ञान को प्राप्त करें एवं अपने जीवन का सर्वांगीण विकास करें।
स्वयं को पहचानने की विद्या है "विहंगम योग"। इसकी साधना प्रणाली अद्वितीय एवं महान् है। जिसने भी इसे अपनाया है जीवन में परिवर्तन पाया है। "विहंगम योग" की साधना सम्पूर्ण मानव जाति के लिए है।
अभी तक हम जो भी पूजा किए है अथवा कर रहे हैं, हम करें परन्तु जीवन भर यही नहीं करते रह जाएँ। इन सभी से आगे की पूजा बतलाता है "विहंगम योग"।
आप सभी सदैव आत्म-उत्थान के पथ पर अग्रसर हो। ईश्वर से मेरी यही प्रार्थना है।
देखें - www.vihangamyoga.org
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