बुधवार 06.06.2018
द्वितीय ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष 7
विक्रम सम्वत् 2075
श्री वीर निर्वाण सम्वत् 2544
*सुविचार*
मैं इस संसार में हारने के लिए नहीं आया हूँ, न ही मेरी शिराओं में असफलता प्रवाहित हो रही है. मैं कोई भेड़ नहीं हूँ जिसे गडरिया हांके. मैं एक शेर हूँ और मैं भेड़ों के झुण्ड की तरह बात करने, चलने और सोने से इंकार करता हूँ.असफलता की बलिवेदी मेरा भाग्य नहीं बन सकती. मैं तब तक जुटा रहूँगा जब तक कि मैं सफल न हो जाऊं.
अज्ञात
*इतिहास में आज*
1674 : शिवाजी का रायगढ़ के किले में राज्याभिषेक और साथ ही उन्होंने छत्रपति की उपाधि ग्रहण की।
सभी मित्रों को सपरिवार सादर जयजिनेंद्र, शुभप्रभात और नमस्कार। आपका दिन मंगलमय हो।