कामरेड के सिर पर रखे सामान पर बामी सफाई दे रहे है कि कलश नहीं पुष्प थाल था, वहीं चित्र में वही कलश एक महिला के सिर पर भी दिखाई दे रहा है। 1992 में मैंने स्वम कोलकाता में माकपा के लोगो के मुहँ से सुना था कम्युनिस्ट पार्टी संस्थापक स्वामी विवेकानंद की जय। वैसे मुझे तो उस समय भी आपत्तिजनक नही लगा था लेकिन बहुतों को लगेगा।।