गुरुवार 23.08.2018
श्रावण शुक्ल पक्ष 12
विक्रम सम्वत् 2075
श्री वीर निर्वाण सम्वत् 2544
*आज दास व्यापार और इसके उन्मूलन की याद के लिए अन्तरराष्ट्रीय दिवस (यूनेस्को) है*
*सुविचार*
हम सारी जिंदगी खुद को दूसरे के चश्मे से देखते हैं और कोशिश सभी की यही रहती है कि हम जो नहीं हैं वो बन जाये और लोग हमें पसंद करें। अपनी ऊर्जा को इन फालतू के कामों पर खर्च करना छोड़िए ।आप जैसे हैैं बहुत अच्छे हैैं। अपनी अच्छाइयों को पहचानिए और अगर आपको विश्वास न हो तो आप जितने भी महान लोगों को जानते हैं, सबके जीवन को देखिये। आपको उनमें से कोई भी ऐसा नहीं मिलेगा जिसने महान बनने की कोशिश की हो। उनके लक्ष्य महान थे। वो लक्ष्य को पाने की भूख उनमें प्रबल थी।
मंज़र धुंधला हो सकता है, मंज़िल नहीं।
दौर बुरा हो सकता है, ज़िंदगी नहीं।।
अज्ञात
*इतिहास में आज*
2007 : यूनेस्को के विश्व स्मृति रजिस्टर-2007 में ऋग्वेद की 30 पांडुलिपियाँ शामिल की गईं थी।
सभी मित्रों को सपरिवार सादर जयजिनेंद्र, शुभप्रभात और नमस्कार। आपका दिन मंगलमय हो।
चित्र श्री जैन मंदिरजी स्कीम नं. 71 इंदौर (म.प्र) का है।