रविवार 23.09.2018
भाद्रपद शुक्ल पक्ष 14
विक्रम सम्वत् 2075
श्री वीर निर्वाण सम्वत् 2544
दिगंबर जैन समाज के पर्वाधिराज पर्युषण पर्व का आज दसवां और अंतिम दिन है और दस लक्षण धर्म में से आज "उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म" का दिन है.
उत्तम ब्रह्मचर्य :
ब्रह्म अर्थात आत्मा में रमण करना "ब्रह्मचर्य" है. रागोत्पादक साधनों के होने पर भी, उन सबसे विरक्त होकर, आत्मोंमुखी बने रहना "उत्तम ब्रह्मचर्य" धर्म है.
इस प्रकार धर्म के ये दस लक्षम कोई बाहरी तत्व नहीं हैं, वरन विकारों के अभाव में प्रकट होने वाली आत्म शक्तियां हैं. क्षमा, मार्दव, आर्जव, शौच - ये आत्मा के अपने भाव हैं, जो क्रमशः क्रोधादिक विकारों में प्रकट होते हैं. सत्य, संयम, तप और त्याग इनकी प्राप्ति के उपाय हैं. आकिंचन्य और ब्रह्मचर्य धर्मों का सार है.
*इतिहास में आज*
2009 : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भारतीय उपग्रह ओशन सैट-2 समेत सात उपग्रह कक्षा में स्थापित किए।
*सभी मित्रों को सपरिवार सादर जयजिनेंद्र, शुभप्रभात और नमस्कार। आपका दिन मंगलमय हो।*
चित्र श्री जैन मंदिरजी Old Veterinary Hospital Road, Gandhi Bazaar, Basavanagudi, Bengaluru, Karnataka 560004 का है।