कुछ राक्षसी प्रवृत्ती के अधिकारी होते हैं जो अपने से छोटे पद के पदाधिकारियों को परेशान करते हैं ऐसे यदि वो कोई महिला कर्मचारी हो तो कहना ही क्या
स्त्रीदेह की चाह मे इस किस्म के ये अधिकारी उसको इतना मजबुर कर देते है कि नौबत यहां तक आ जाती है या तो वो इस्तीफा देती है या फिर आत्महत्या । कुछ ऐसा ही हुआ आरक्षी मोनिका के साथ।
ऐसे दोषी अधिकारियों को बर्खास्त कर हत्या का मुकदमा चलना चाहिए
पर ऐसे परिस्थिति से हारकर मौत से समझौता कर लेना भी तो उचित नही है
ॐ शांति