पिंकी जैन's Album: Wall Photos

Photo 2,340 of 35,350 in Wall Photos

स्त्री सिर्फ तब तक
तुम्हारी होती है
जब तक वो तुमसे
रूठ लेती है,
लड़ लेती है
आंसू बहा बहाकर
और दे देती है
दो चार उलाहना तुम्हें।
कह देती है
जो मन में आता है उसके
बिना सोचे, बेधड़क
लेकिन जब वो देख लेती है
उसके रूठने का,
उसके आंसुओं का
कोई फर्क नहीं है तो एकाएक वो
रूठना छोड़ देती है
रोना छोड़ देती है।
मुस्कुरा कर देने लगती है
जवाब तुम्हारी बातों पर,
समेट लेती है वो खुद को
किसी कछुए की तरह
अपने ही कवच में,
और तुम समझ लेते हो
कि सब कुछ ठीक हो गया है।
तुम जान ही नहीं पाते
कि ये शांत नहीं है
मृतप्राय हो चुकी है,
कहीं न कहीं
गला घोंट दिया है
उसने अपनी भावनाओं का
और अब जो तुम्हारे पास है,
वो तुम्हारी होकर भी
तुम्हारी नहीं है।