पिंकी जैन's Album: Wall Photos

Photo 4,693 of 35,370 in Wall Photos

** जो हाथ से चला गया उसका दुख क्या करना! **

एक आदमी तड़के नदी की ओर जाल लेकर जा रहा था। नदी के पास पहुंचने पर उसे आभास हुआ कि सूर्य अभी पूरी तरह बाहर नहीं निकला हैं। घने और अंधेरे में वह मस्ती से टहलने लगा। तभी उसका पैर झोले से टकराया। उत्सुकतापूर्वक उसने झोले में हाथ डाला तो पाया कि उसमें बहुत बड़े-बड़े चमकीले पत्थर भरे पड़े हैं। समय बिताने के लिए उसने झोले में से एक-एक पत्थर निकाला और नदी में फेकता गया। धीरे-धीरे उसने झोले के कई पत्थर नदी में फेक दिए , जब अंतिम पत्थर उसके हाथ में था तभी सूर्य की रोशनी धरती पर फैल गई।

सूर्य के प्रकाश में उसने देखा कि उसके हाथ में बचा अंतिम पत्थर बहुत तेज चमक रहा था। उस पत्थर की चमक देखे वह दंग रह गया। क्योकि वह पत्थर नही बल्कि अनमोल हीरा था। उसे एहसास हुआ कि अब तक वह करोड़ों के पत्थर नदी में फेक चुका था। वह फूट-फूटकर रोने लगा। उसके हाथ में बचे अंतिम पत्थर को देख कर वह अंधेरे को कोस रहा था। वह नदी के किनारे शोकमग्न बैठा था कि इतने में वहां से एक महात्मा गुजरे। उसका दुख जानकर वे बोले-बेटे रोओ मत, तुम अब भी सौभाग्यशाली हो। यह तुम्हारा सौभाग्य ही है कि अंतिम पत्थर फेंकने से पहले ही सूर्य की रोशनी फूट पड़ी, वरना यह पत्थर भी तुम्हारे हाथों से निकल जाता। यह एक मूल्यवान हीरा भी तुम्हारी जिंदगी संवार सकता है। जो चीज हाथ से निकल गई, उसे लेकर रोने कि बजाय जो तुम्हारे हाथ में है तुम्हें उसका उत्सव मनाना चाहिए। महात्मा की बात सुनकर उसकी आंखे खुल गई और वह खुशी- खुशी घर लौट आया।जो गुजर गया उसे देखने की बजाय यह देखा जाए कि आगे क्या हो सकता है।

जो चीज हाथ से निकल गई,उसे लेकर रोने की बजाय जो हाथ में है उसका उत्सव मनाना चाहिए और भविष्य के बारे में सोचना चाहिए।

.
.