Search in Albums
Search in Blogs
Search in Groups
Search in Musics
Search in Polls
Search in Members
Search in Members
Search in Questions
Search in Videos
Search in Channels
Show All Results
Home
Inbook Cafe
Questions
News
Videos
Groups
Blogs
Polls
Music
Home
Inbook Cafe
Questions
News
Videos
Groups
Blogs
Polls
Music
Albums
Search in Albums
Search in Blogs
Search in Groups
Search in Musics
Search in Polls
Search in Members
Search in Members
Search in Questions
Search in Videos
Search in Channels
Show All Results
Home
Inbook Cafe
Questions
News
Videos
Groups
Blogs
Polls
Music
पिंकी जैन
's Album:
Wall Photos
Photo 5,606 of 35,378 in Wall Photos
Prev
Next
साड़ी और जींस वार्तालाप
1 दिन जींस और साड़ी में हो गई तकरार
कहा साड़ी ने ठसक से -
मैं हूँ मर्यादा,परम्परा,संस्कृति-संस्कार
सौ प्रतिशत देशी
तू क्यों घुस आई मेरे देश में विदेशी
वैदिक काल से मैं स्त्री की पहचान थी
आन-बान-शान थी
घूँघट आँचल और सम्मान थी....
बेटियाँ बचपन में मुझे लपेट
माँ की नकल करती थीं
दसवीं के फेयरवेल तक
पिता को चिंतित कर देती थीं
उनकी पुत्री-कन्या भी
मुझे ही पहनती थीं
भारत माँ हों या हमारी देवियाँ
देखा है कभी किसी ने
मेरे सिवा पहनते हुए कुछ....
जब से तू आई है बिगड़ गया है
सारा माहौल
हर जगह उड़ रहा है
मेरा मखौल
बेटियाँ तो बेटियाँ
गुड़िया तक जींस पहनने लगी है
गाँव-शहर की बड़ी-बूढ़ी भी
तुम्हारे लिए तरसने लगी हैं
ना तो तू रंग-बिरंगी है
ना रेशमी-मखमली
फिर भी जाने क्यों लगती है सबको प्यारी
नए-नए फतवे हैं तुम्हारे खिलाफ
नाराज हैं तुमसे हमारे खाप
फिर भी तू बेहया-सी यहीं पड़ी है
मेरी प्रतिस्पर्धा में खड़ी है |
☝
Tagged: