कौन कहता है कि बेटियां बोझ है
"छोटी सी ममता "
एक बडा दिलवाला "
निम्मी जा देख तेरा छोटा भाई रो रहा है तुमने दूध नही पिलाया क्या ..
नही सेठ मैंने तो सुबह ही दूध पिला दिया था
अच्छा तू जा जाकर देख मैं ग्राहक संभालता हूं...
ग्राहक सेठ से -अरे भाई ये कौन लड़की है जिसे तुमने इतनी छूट दे रखी हैं, परसो सारे ग्लास तोड़ दियें, कल एक आदमी पर चाय गिरा दी, और तुमने इसे कुछ नही कहा..
सेठ - भाईसाहब ये वो लड़की हैं, जो शायद तुम्हें आने वाले समय में देखने ना मिलें,
ग्राहक -मैं समझा नही
सेठ_चलो तुम्हे शुरू से बताता हूं..एकदिन दुकान पर बहुत भीड़ थी, और कोई नौकर भी नही था, ये लड़की, अपने छोटे भाई को गोद में लिए, काम माँगने आयी,
और इसकी शर्त सुनेगा..
इसने शर्त रखी..मुझे काम के पैसें नही चाहिए बस काम के बीच में मेरा भाई रोया तो, मैं भाई को पहेले देखूंगी, सुबह, दोपहर, शाम, रात चार टाइम दूध चाहिए...
रहने के लिए मैं इसी होटल के किचन पर रहूंगी, खाने के लिए जो बचेगा, उसे खा लूंगी,
मेरे भाई के रोने पर आप चिल्लाओगे नही,
अगर कुछ काम बच गया, तो मेरे भाई के सोने के बाद, मैं रात को होटल के सारे काम कर दूंगी, अगर मंजूर हो तो बताओं
ग्राहक -फिर तुमने क्या कहा
सेठ_मैं तो हंस पड़ा, और कहा और कुछ और..
तो इसने कहा बस इतनी ही, की मुझे काम मिलें, मैं सड़को पर भीख नही माँगना चाहती, ना ही अपने भाई को भिखारी बनाना चाहती हूं, दिल लगाकर काम करूगी,उतने में निम्मी आ गयी,
सेठजी उसने चड्डी पर सु_सु कर दिया था, इसलिए रो रहा था, अब सो गया हैं अब नही रोयेगा, मैं अब काम पर लगती हूं...
ग्राहक -तुमने उसे फिर क्यू कुछ नही बोला
सेठ मुस्कुराते हुए -अरे जनाब, आप बस किताबों पर ही पढ़ते हो क्या, अच्छी चीजें, जरा उसको देखो तो, नन्ही सी जान, छोटी सी उम्र, काम करना चाहती हैं, हाथ फैलाना नही, कोई तो होना चाहिए ना, उसे अपने पैरों पर खड़े करने के लिए, शायद बंसीवाले ने, ये काम मुझे सौपा हैं, कि मैं उसे एक रास्ता दिखाऊ, और तू फ्रिक मत कर, वो ग्लास ही तोड़ती हैं, विश्वास नही तोडेगी,
और जरा ये भी तो सोच, बच्ची है कहा जाती, यही पड़ी हैं दोस्त, जब तक प्रभु की मर्जी हैं, मैं कौन होता हूं, उसकी कहानी में उसका लिखा बदलने वाला....
निम्मी फिर दौड़ते हुए उस ग्राहक की चाय गिराते हुए बोली- सेठ जी भाई रो रहा, आप आड॔र लो
इस बार ग्राहक भी हंस पड़ा, और कहने लगा, जाइयें, सेठ सी, महारानी ने आदेश दिया है लग जाइए ....
दोनों मुसकुराने लगे वही निम्मी छोटे भाई को संभालने लग गई....
Aradhya Sharma
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