मध्य प्रदेश के सनावद नगर जो कि पंचम पट्टाधिश राष्ट्र गौरव वात्सल्य वारिधि 108 आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी
मुनि श्री चारित्र सागर जी
मुनि श्री श्रेष्ठ सागर जी
मुनि श्री अमेय सागर जी
मुनि श्री अपूर्व सागर जी
मुनि श्री अर्पित सागर जी
मुनि श्री प्रशस्त सागर जी
मुनि श्री प्रयोग सागर जी
मुनि श्री प्रबोध सागर जी
आर्यिकाश्री सुदृढ़ मति जी
आर्यिकाश्री क्षीर मति जी
आर्यिकाश्री तपस्वनी माताजी
आर्यिकाश्री देशना मति जी
आर्यिकाश्री महायश मति माताजी
क्षुल्लक श्री मोती सागर जी
सहित 16 साधुओ की जन्मभूमि कर्म भूमि समाधि भूमि है
उसी पावन रत्नों की खान नगरी से
03 जनवरी 1989 को श्रीमती संगीता राजेश पंचोलिया की पुत्री सिद्धा का जन्म हुआ
आपने m s c कम्प्यूटर साइंस की लौकिक शिक्षा उपरांत
वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी से आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत लेकर संध में शामिल हुई
25 अप्रैल 2018 को श्री श्रवण बेलगोला में
वात्सल्य वारिधि 108 आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी से सीधे आर्यिका दीक्षा लेकर आर्यिका श्री महायश मति माताजी बनी
आज लौकिक गृहस्थ अवस्था का अवतरण दिवस पर
पंचोलिया परिवार का शत शत नमन
अभिनंदन
आप लौकिक नाम को सार्थक करते हुए कुल परम्परा अनुसार समाज देश को सालों साल देव शास्त्र एवम गुरुओं के प्रति पूर्ण समर्पण भाव से लाभान्वित करे यही मंगल कामना है
आपके दीक्षा आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी द्वारा दिया नाम महा यश को प्राप्त हो यही कामना है
आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी को नमोस्तु
मुनि श्री चारित्र सागर जी को नमोस्तु
आर्यिका श्री महायश मति माताजी को वन्दामि