आदमी इतना कमजोर है कि उसका शोषण करना बहुत आसान है। उसे डरा देना बहुत आसान है।
उसे घबड़ा देना बहुत आसान है। और पंडितों की सारी कला यह है कि घबड़ाओ, डराओ, भयभीत करो और यह दावा करो कि हम मध्यस्थ हैं।
अगर तुमने हमारी सुनी तो हम तुम्हारी सुरक्षा का इंतजाम करवा देंगे। मौत के बाद, अगर तुमने अभी हमारी सुनी तो हम तुम्हारा साथ देंगे।
और मौत का सबसे बड़ा भय है। और जब तक मौत का भय है तब तक पंडित तुम्हारी छाती पर हावी रहेगा।
सदगुरु मौत के भय के मिटा देते हैं, क्योंकि वे तुम्हें उसका अनुभव करवा देते हैं जिसकी कोई मृत्यु नहीं-उस अमृत का स्वाद तुम्हें दिला देते हैं।
अमी झरत, बिगसत कंवल! वे तुम्हारे भीतर उस लोक में प्रवेश करा देते हैं जहां अमृत की वर्षा हो रही है और कमल विकस रहे हैं। ऐसे कमल, जो कभी मुरझाते नहीं! वे तुम्हें शाश्वत और सनातन से जोड़ देते हज।
जो तुम्हें शाश्वत से जोड़ देगा, जो तुम्हें मृत्यु के पार का दर्शन करा देगा, वही तुम्हें पंडित और पुरोहित के जाल के बाहर ले जा सकता है।
इसलिए स्वभावत: पंडित और पुरोहित, जो भी तुम्हें जगाएगा उसके दुश्मन हैं। ईसा को सूली दी उन्होंने, सुकरात को जहर पिलाया, मैसूर की गर्दन काटी।
यही उनका काम रहा है! यही उनका काम आगे भी रहेगा। उनसे सावधान!