पिंकी जैन's Album: Wall Photos

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वर दे,वीणावादिणी वर दे!
प्रिय स्वतंत्र -रव अमृत -मंत्र नव
भारत में भर दे!

काट अंध-उर के बंधन-स्तर
बहा जननि ज्योतिर्मय निर्झर
कलुष भेद तम हर प्रकाश भर
जगमग जग कर दे !

नव गति नव लय ताल छंद नव
नवल कंठ नव जलद मंद्र रव
नव नभ के नव विहग -वृंद को
नव पर नव स्वर दे !
वर दे वीणा वादिणी वर दे।

---- महाकवि निराला---
वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर सभी बंधु बांधवो को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।