मंगलवार 12.02.2019
माघ शुक्ल पक्ष 7
विक्रम सम्वत् 2075
श्री वीर निर्वाण सम्वत् 2545
*आज महर्षि दयानंद सरस्वती जन्मदिवस और गुलाब दिवस हैं।*
*सुविचार*
मन की मलीनता से बढ़कर इस संसार में और कोई शत्रु नहीं है। यह पिशाचिनी भीतर ही भीतर कलेजे को चाटती रहती है और जो कुछ मानव जीवन में श्रेष्ठता है, उस सबको चुपके-चुपके खा जाती है। बेचारा मनुष्य अपनी बर्बादी की इस तपेदिक को समझ भी नहीं पाता। वह बाहर ही कारणों को ढूँढ़ता रहता है और भीतर ही भीतर चलने वाली यह सत्यानाशी आरी सब कुछ चीर डालती है। उन्नति, प्रगति, शान्ति, स्नेह, आत्मीयता, प्रसन्नता जैसे लाभ जो उसे मन के स्वच्छ होने पर सहज ही मिल सकते थे, उसके लिए एक असंभव जैसी चीज बने रहते हैं।
*अगर आप किसी बात को पसंद नहीं करते हैं तो उसे बदल दें. अगर बदल नहीं सकते हैं तो अपना दृष्टिकोण बदल दें. शिकायत न करें.*
*इतिहास में आज*
1502: वास्को-डी-गामा भारत की दूसरी यात्रा के लिए जहाज में लिस्बन से रवाना हुआ.
*सभी मित्रों को सपरिवार सादर जयजिनेंद्र, शुभप्रभात और नमस्कार। आपका आज का दिन शुभ और मंगलमय हो।*