आज कल हमारे देश में साम्प्रदायिक दंगों का जैसे माहौल बन जाता है छोटी-छोटी बातों से हिंसा पर उतरने वाले ना समझ लोग ना समझी में समाज व देश के खिलाफ वातावरण तैयार कर देते हैं। इससे किसका भला होता हैं? क्या हिंसा ही सभी मसलों का समाधान है?क्या आपको नही लगता कि वास्तव में इस देश के वर्तमान को वर्धमान की आवश्यकता है।
Happy Mahavir jayanti in advance