न जाने किस मिट्टी के बने होते हैं ये फौज वाले? कैसे अपने परिवार की विचार प्रक्रिया को भी अपने साथ ढाल लेते होंगे? मैडम पल्लवी शर्मा जी, आपने वीरांगना शब्द को ऐसा सार्थक किया है कि पूरा देश आपसे प्रेरणा ले रहा है. आपको कर्नल आशुतोष ने सच में फौजी ट्रेनिंग दी है. आपने फौजी जीवन को जीया है. आपका यह स्टेटमेंट इतिहास में अमर रहेगा और फौजी परिवारों के अलावा हर देशवासी को प्रेरित करता रहेगा. कर्नल आशुतोष ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है, लेकिन आपका यह आंसुओं का बलिदान उससे भी एक सीढ़ी ऊपर दर्ज किया जाएगा. देश आपका हमेशा ऋणी रहेगा.
आपके इस जज्बे को हजार बार सैल्यूट.
जय हिंद, जय हिंद की सेना.