हे मेरे "जिनेश्वर वीतराग प्रभु,"नमो जिणाणम्"
जीवन में जब भी हम खराब दौर से गुजरते हैं,
तब मन में यह विचार जरूर आता है कि..*
परमात्मा हमारी परेशानी देखते क्यों नहीं...*
मेरे दुःख कम क्यों नहीं करते पर याद रखना..*
जब परीक्षा चल रही होती तब शिक्षक मौन रहते हैं,!*