अतिशय क्षेत्र नांदगीरी - नांदगिरि एक दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र (गुफा मंदिर) है जो वर्षो से उपेक्षित और निर्जन पड़ा था । ये कल्याणगढ़ किले का ही एक हिस्सा है जो की समुद्र तल से ३५३७ फ़ीट की उचाई पर एक पहाड़ पर है । ये क्षेत्र महाराष्ट्र के सातारा जिले की कोरेगाँव तालुका में है और सातारा से मात्र २५ किलोमीटर है ।
इस गुफा मंदिर में भगवन पारसनाथ जी की प्राचीन और अतिशयकारी प्रतिमाजी विराजमान है। गुफा में वर्ष के ८ -९ महीनो तक २ फ़ीट के करीब पानी रहता है, किन्तु वह लोहे की रेलिंग लगी है जिसकी मदद से गुफा में स्थित जैन मंदिर तक आसानी से पंहुचा जा सकता है ।
ये क्षेत्र (गुफा मंदिर) सर्व प्रथम नन्द् राजा ने बनवाया था, नन्द राजा और उसके मंत्री सभी जैन थे । ज्ञान कोष में भी ये नन्दगढ़ के नाम से दिया गया है । किसी समय यहाँ और आस पास हजारो जैन रहते थे किन्तु काल के प्रभाव से और दुर्भाग्य से आज एक भी जैन यहाँ नहीं है । और इसी वजह से यहाँ विधर्मी, अन्य धर्मी और अन्य सम्प्रदाय के लोगो ने कई बार इस गुफा मंदिर पर कब्ज़ा करने का प्रयत्न किया (२००२ में और २०१० में) , जिसके कई मुकदमे आज भी चल रहे है । और गुफा में ही एक अन्य धर्मी नवीन प्रतिमा तो आज भी विराजमान है, जिसे हटाना अब संभव नहीं है, किन्तु हमें अपने गुफा मंदिर और प्रभु पार्श्वनाथ की प्राचीन प्रतिमा को बचाना ही होगा । हमें जल्द से जल्द ध्यान देकर और क्षेत्र का दर्शन करके स्थिति को सम्भालना होगा । सातारा के जैन समाज के प्रयासों से अब यहाँ पहाड़ की तलहटी में एक नवीन धर्मशाला, भोजनशाला, और संत निवास का निर्माण कार्य प्रगति पर है । गुफा मंदिर को बुलेट प्रूफ बनाया गया है ताकि कोई समाजकंटक प्रतिमा जी को नुक्सान न पहुचाये । और प्रभु प्रतिमा जी का वज्र लेप भी किया गया है । भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र कमिटी ने भी इस क्षेत्र को अतिशय क्षेत्रों की सूची में दर्ज़ कर लिया है ।
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