आज मुम्बई में परेल स्टेशन का नजारा देखा
तो लगा मुम्बई में इंसान की कोई क़ीमत नही है।
हम बुलेट ट्रेन की बात करते है लेकिन आज देश मे
ट्रेन,रेल्वे स्टेशन ,पटरियों ,ब्रिज का क्या हाल है
यह आज मुम्बई की घटना ने दिखा दिया।
ना इसकी फिक्र रेल्वे को है ना सरकार को ना
ही सांसदों को।
और मोदीजी बुलेट ट्रेन का सपना देख रहे है।
देश मे ट्रैन के सफर का क्या बत्तर हाल है इसको
देखकर शर्म आती है।
क्या सही में विकास इसे कहते है?
सभी मृतक मुम्बई वासियो को भावभिनी श्रधांजली।