कभी, किसी के साथ छल न करें : मुनिश्री
शाहपुर
बड़े जैन मंदिर में विराजमान आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिश्री निर्वेगसागर महाराज ने धर्मसभा को सचेत करते हुए छल विद्या से दूर रहने की प्रेरणा देते हुए कहा कि व्यक्ति को हमेशा इस जग में नहीं रहना है। प्रत्येक व्यक्ति को एक न एक दिन मौत की आगोश में जाना ही पड़ता है। हम यदि किसी के साथ छल करेंगे, उसे धोखा देंगे तो उसका पाप तुम्हारे साथ जाएगा। उसका फल भी तुम्हें भोगना ही पड़ेगा।
मुनिश्री ने कहा कि भले ही तुम्हें कोई व्यक्ति एक बार नहीं अनेक बार ठगे, धोखा दे, छल करे तो भी तुम्हें उसे कभी भी नहीं छलना है। दीवाल पर फेंकी गई गेंद लौटकर अपने ही पास आती है। किसी से घृणा करेंगे तो वह हमसे घृणा करेगा और प्रेम करेंगे तो वह भी हमसे प्रेम ही करेगा।