जीवन परमात्मा की अपूर्व भेंट है। जीवन प्रसाद है। तुमने कमाया नहीं। तुम गंवा भले रहे हो, मगर कमाया तुमने नहीं। उतरा है, तुम पर किसी अज्ञात लोक से बरसा है। तुमसे किसी ने पूछा तो न था कि होना होते हो या नहीं? पूछता भी कैसे?जब तुम थे ही नहीं तो तुम से पूछता कोई कैसे?
जीवन आपने—आप में महिमावान है। जीवन से फिर सारे द्वार खुलते हैं—फिर ध्यान के और प्रेम के और मोक्ष के और निर्वाण के सारे द्वार जीवन से खुलते हैं।
जीवन अवसर है, महत अवसर है! चाहो बना लो, चाहे तो मिटा दो। चाहे गा लो गीत चाहे तोड़ दो बांसुरी। जीवन महान अवसर है।