प्रख्यात मैनेजमेंट गुरु एवं अन्तर्राष्ट्रीय लेखक, गिनीज विश्व रिकार्ड होल्डर डॉ. उज्ज्वल पाटनी जी का नाम मैंने खूब सुना था। इनकी मैंने पहली बुक 2007 में 'सफल वक्ता सफल व्यक्ति' पढ़ी थी, जो आज भी मेरी अलमारी में 331 नम्बर पर शोभायमान है। इसके बाद you tube आदि पर अनेक वीडियो भी देखती रहती हूँ। अब तो उनकी अनेकों पुस्तकें मार्केट में , रेलवे स्टेशन आदि पर सुलभ हैं।
28 अक्टूबर को राष्ट्रीय युवा सम्मेलन में श्रवणबेलगोला, कर्नाटक में जब पाटनी जी को प्रत्यक्ष सुना तो बस सुनती ही रही, हजारों युवाओं के मध्य जब उनकी मोटीवेशन स्पीच शुरू हुई तो उनकी एक घण्टे से अधिक चली स्पीच का पता ही नहीं चला कि कब एक घंटा पूरा हो गया। उन्होंने युवाओं के लिए अपनी अनोखी शैली में जो सम्बोधन, प्रेरणा दी, उपस्थित हजारों युवा उनके कायल हो गए। फेसबुक, व्हाट्सएप, टीवी के आदि हो चुके युवाओं को उन्होंने जो मोटिवेट किया वह अपने आपमें अनुकरणीय था। अपने माता-पिता से दूरी बनाते जा रहे युवाओं को लिये उन्होंने जिस लहज़े में समझाया, उसे सुनकर उपस्थित युवाओं के दिल और दिमाग को झकझोर दिया और हजारों युवाओं के हाथ संकल्पबद्ध होने के लिए उठ खड़े हुए। दिल और दिमाग को झकझोरने वाला उनकी यह स्पीच मेरे कानों को हमेशा झंकृत करती रहेगी। आज उज्ज्वल पाटनी जी का नाम देश-विदेश में चर्चित हो चुका है।
स्पीच के बाद मेरी उनसे अल्प मुलाकात भी हुई, जो सदैव स्मरणीय रहेगी।
'संचय'