पिंकी जैन's Album: Wall Photos

Photo 31,855 of 35,402 in Wall Photos

----- गाइड -----

पहना तो हमने आज भी सलवार सूट ही है। मंच पर खड़े हैं हम, जूनियर वैज्ञानिक का ख़िताब लेने के लिए। फर्क ये है कि कभी इसी सूट के कारण किसी ने हमें ‘बहन जी’ कहा था। वे भी आज दूर से हमें देख रही हैं।
आज से तीन साल पहले हम इस कॉलेज में आए थे। अपने गाँव में 12 वीं में अव्वल आए तो गुरु जी ने हमें शहर में इस कॉलेज में दाखिला दिलवाया। माँ-बाबा को मनाना आसान नहीं था। पहले दिन कॉलेज में किसी से भी बात नहीं हुई। होस्टल में जो पहली मित्र बनीं वो वे ही थीं।
उन्होंने कहा, “ये क्या ऐसे बहन जी की तरह रहोगी? ये सलवार सूट तो अपने गाँव के लिए ही रख दो सम्हाल कर। अब ये जीन्स पर कैसा शर्ट पहना है? बाबाजी का झंगा ! तुम शहर के सबसे बड़े कॉलेज में आई हो । अपने ढंग बदलो।”
और हम बस चुप ही रह गए थे।
वे फिर बोली थीं, “फोन? एंड्रॉइड के बगैर कैसे रहोगी? व्हाट्सअप के बिना जीना इम्पसीबिल है।”
“…यहाँ हम पढ़ने आये हैं ना बहना! ” हमने प्रतिवाद किया था।
“बहना..क्या बहना? डूड! यहाँ ये सब नहीं चलेगा। जस्ट चेंज योरसेल्फ! हाउ कुड?” वे इतराकर बोली थीं।
“भाषा तो हमें अंग्रेजी और फ्रेंच भी आती है। पर हिंदी का ऐसा हाल? और हमारे पास लेपटॉप है न, फिर दूसरे फोन की क्या जरूरत?” हमने फिर अपना तर्क रखा था।
“मेरा कहा मानो, नहीं तो सब तुम पर हँसेंगे। जैसे मैं गाइड कर रही हूँ वैसे करो। कोई तुम्हारे पास बैठना भी लाइक नहीं करेगा।” वे झल्लाई थीं।
तीन साल का सफर!! खुद को बदला, पर ऐसे नहीं कि अपनी जड़ों को ही भूल जाएँ। न तो हिंदी में अंग्रेजी का ऐसा घालमेल किया और न ही एंड्रॉइड लिया। बस यूँ ही अपने आत्मविश्वास का हाथ थामे….आज भी वही सलवार सूट है। हाँ ‘ड्रेसिंग सेंस’ आ गया है।
अब आप ही बताओ किसे किसके ‘गाइडेंस’ की जरूरत है?
----- सीमा जै